जब नबी -ए-पाक का नाम सुने तो
अपने अंगूठों को चूम कर आंखों से
लगा लिया करो।
क्योंकि।
हज़रत बिलाल (रजि, अल्लाह अनहो)
ने जब अजान दी ।
जब बिलाल रजि : अल्लाहू
अनहो।
असहदुदअनना मुहम्मददुरर रसूलअल्लाह।कहते तो
अबू बकर सिद्दीकी रजि : अल्लाहू
अनहो ने अपने अंगूठे चूम कर आंखों से लगा लिया
जब अजान
खत्म हुई।तो हुजूर ए पाक
सलल्लाहू अलैही वसल्लम ने
फरमाया ऐ मेरे सहाबियो।
सहाबियो नेे अरज किया
या
रसूलल्लाह सलल्लाहू अलैही वसल्लम।
आज हमने देखा के जब हज़रत
बिलाल।ने अजान
में।असहदुअनना मुहम्मददुरर रसूलुल्लाह।
कहा तो हजरते अबू बकर सिद्दीकी रजि : अल्लाहू तआला अन्हु।
ने अपने अंगूठे चूम कर आंखों पर
लगा लिये ।
तो हुजूर ए पाक
सलल्लाहू अलैही वसल्लम ने
इरशाद फ़रमाया
जो कोई ऐसा करेगा ,मै।मुहम्मद
सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम जामिन
हूँ।के उसकी आँखे खराब नहीं होग
Tafseer Ruhul Bayan Jild 7 Page 229
(((सबक)))
अंगूठे चूमना सहाबिये रसूल हज़रते
अबू बकर सिद्दीकी रजि : अल्लाहू
तआला अन्हु की सुन्नत है।जो खुद
हुज़ूर सलल्लाहू अलैही वसल्लम ने
पसंद फरमाया।आज हम सुननी अलहमदुलिलाह उनकी सुननत पर
अमल करते हैं।
After Iman (Belief) and Touheed, (Unitarianism) it is obligatory on man (Banda) to know injections of Shariat (Revealed Law) and Aquaede Haqeequah (True doctrines). * Sultan Syed Makhdoom Ashraf Jahangeer Simnani
Thursday, 14 July 2016
अंगूठों का चूमना
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